Tuesday, November 24, 2009

फंसने से बचने के लिए पुलिसिया कुलपति ने पातंजलि से किया किनारा,इस्तीफा लिया

-सत्ताचक्र गपशप-

सूत्रो का कहा यदि सही है तो महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि. वर्धा के दिल्ली सेंटर में पूर्वांचल वि.वि. के पूर्व कुलपति प्रेम चंद पातंजलि को ओ.एस.डी./सलाहकार पद पर रखा गया था।पुलिस अफसर से कुलपति बने विभूति नारायण राय ने इनकी नियुक्ति की। पातंजलि पर भी नकल करके किताबें लिखने का आरोप है। विभिन्न विषयों पर एक साल में 14 पुस्तकें लिखें हैं।सभी पुस्तकें SHREE PUBLISHERS & DISTRIBUTORS , 20 , ANSARI ROAD,DARYA GANJ, NEW DELHI-110002 से प्रकाशित हैं। नकलचेपी विधा में पातंजलि के पटु अनुआई अनिल कुमार राय अंकित को भी विभूति नारायण राय ने वि.वि. में नियुक्त कराया है। दोनो के नकल करके किताबें लिखने का मामला तथ्यों सहित उजागर होने के बाद भी इनके आका तरह-तरह के कुतर्क देकर इनको बचाते रहे हैं। सबूतो सहित जब शिकायत प्रधानमंत्री और शिक्षामंत्री के यहां पहुंची है,CNEB चैनल पर आया है तो वि.वि. ने प्रेमचंद पातंजलि से किनारा कर लिया । सूत्रो का कहना है कि उनसे इस्तीफा ले लिया गया। इसबारे में पातंजलि से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, पर वह फोन आफ किये हुए हैं।वि.वि. का भी कोई जिम्मेदार कर्मचारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है।क्योंकि वहां पुलिसिया राज है।

सूचना- आपके पास किसी कुलपति, प्रोफेसर, रीडर, लेक्चरर के द्वारा नकल करके पुस्तकें, शोध-पत्र लिखने का प्रमाण है तो sattachakra@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।