Wednesday, November 18, 2009

नकलचेपी अंकित ने महानकलचेपी पातंजलि को समर्पित की नकलकर लिखी पुस्तक


स्वदेश इंदौर में छपी यह खबर पहले पन्ने की बाटम स्टोरी थी

म.अं.वि.वि.वर्धा के नकलचीगुरू अंकित का एक और काला कारनामा
नकल करके लिखी इस पुस्तक को प्रश्रयदाता पतंजलि को समर्पित किया है

-कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली।महात्मागांधी जब स्कूल में पढ़ते थे तो एकबार उनका अध्यापक इमला बोलकर लिखारहा था। जिसमें एक शब्द केतली आया।गांधी उसे कतली लिख रहे थे।जिस पर अध्यापक ने गांधी को धीरे से इशारा किया कि तुम केतली गलत लिख रहे हो,बगल के लड़के में से देख कर सही लिख लो। लेकिन गांधी ने कहा-आप ने ही तो कहा है नकल नहीं करना चाहिए।यह चोरी है।मैं नकल नहीं करूंगा।जो आता है वही लिखूंगा। उसी गांधी की कर्मभूमि वर्धा में उसी गांधी के नाम पर बने अंतरराष्ट्रीय वि.वि. में नकल करके अंग्रेजी और हिन्दी की लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तके लिखने वाले महाचोर अनिल कुमार राय अंकित को पत्रकारिता का प्रोफेसर व हेड बना दिया गया। पुलिस से कुलपति बने विभूति नारायण राय ने यह कराया-किया।उस अनिल कुमार राय अंकित(Dr. ANIL K. RAI ANKIT) के चौर्य प्रवीणता का पेश है एक और सबूत।नकल करके लिखी इस पुस्तक का नाम है-
COMMUNICATION
PRINCIPLES AND PRACTICE

लेखक- डा.अनिल के. राय अंकित
इस पुस्तक का भी पब्लिशर व डिस्ट्रीब्यूटर है-
SHREE PUBLISHERS & DISTRIBUTORS
20,Ansari Road,Daryaganj, New Delhi-110002

यह पुस्तक 2006 में प्रकाशित हुई है। 231 पेज की इस पुस्तक का मूल्य रू.700 है।अनिल कुमार राय अंकित ने इस पुस्तक को प्रश्रयदाता पूर्व कुलपति प्रेम चंद पतंजलि को समर्पित किया है। पुस्तक में कुल आठ अध्याय हैं।
अध्याय-1

पेज नं 1 से 6 :

अंकित ने अपनी इस पुस्तक का 1 से 6 पेज University of California San Francisco, की वेवसाइट http://ucsfhr.ucsf.edu/index.php/pubs/hrguidearticle/chapter-13-communication/ पर उपलब्ध सामग्री गाइड टू मैनेजिंग ह्यूमन रिसोर्सेज के अध्याय 13 कम्यूनिकेशन से चुराया है।इसकी हेडिंग कम्यूनिकेशन को बदलकर कम्यूनिकेशन कान्सेप्ट कर दिया है।
पेज नं 6 से 22 :
पेज नं 6 से 22 की सामग्री वेवसाइट http://www.gettoefl.com/download/study_skills/study_skills_sample.htm%206-22 पर अंग्रेजी की तैयारी के लिए बनाये पाठ्यसामग्री के Chapter 7: Expanding your mind through the power of words से कापी किया है।अंकित ने इसअध्याय के शुरूआत के 5 शब्द को हटा दिया है और कई जगह पर हेडिंग बदलकर बाकी मैटर हूबहू उतार लिया है।
पेज नं 22 से40
पेज नं 22 से 40 तक की सामग्री वेवसाइट http://www.statemaster.com/encyclopedia/Part-of-speech पर उपलब्ध इन्साइक्लोपीडिया के पार्ट आफ स्पीच से लिया है।कुछ जगह पर हेडिंग हटा दिया है।जैसे एडजेक्टिव के बारे में लिखा है और उसकी हेडिंग हटा दिया है।
पेज नं40 से 46
पेज नं40 से 46की सामग्री वेवसाइट http://www.spiritus-temporis.com/ के अध्याय grammatical-mood से चुराया है।केवल शीर्षक को हटा दिया है।
पेज नं 52 से 6 4
पेज नं 52 से 64 की सामग्री वेवसाइट http://www.en.wikipedia.org/ पर उपल्ब्ध सामग्री के अध्याय Writing better articles से चुराया है। अनिल कुमार राय अंकित ने अपनी पुस्तक में इसका शीर्षक बदलकर STRUCTURE OF THE ARTICLE कर दिया है।
अध्याय-2
पेज नं 69 से 115
अर्लीइन्टरवेंसन प्रोग्राम डिपार्टमेंट आफ हेल्थ न्यूयार्क ने विभिन्न क्षेत्र के 14 विशेषज्ञो से एक रिपोर्ट- Practice Guideline: Report of the Recommendations, Communication Disorders, Assessment and Intervention for Young Children तैयार कराई थी। अंकित ने इस रिपोर्ट के अध्याय दो Communication disorder in young children और अध्याय चार Intervention Methods को मिलाकर अपनी पुस्तक COMMUNICATION PRINCIPLES AND PRACTICE का पूरा अध्याय 2 पेज 69 से 115 बना लिया है।रिपोर्ट के अध्याय 4 के शुरू के 3 पैरा को हटाकर अपने अध्याय 2 की शुरूआत की है।
अध्याय-3
पेज नं116 से 134
अंकित ने अपने किताब की पेज नं116 से 134 तक की सामग्री USA की सरकारी वेवसाइट http://www.au.af.mil/ पर उपल्ब्ध सामग्री के अध्याय 3 का पूरा 26 पेज कापी करके लगाया है।इसे अपनी पुस्तक का अध्याय 3 बना लिया है।इसके पहले पैरा व दूसरे पैरा की पहली लाइन हटा दी है। इसी तरह interviewing goal हेडिंग की जगह अपनी पुस्तक में goals of interviewing कर दिया है।

अध्याय-4
पेज नं 135 से 154 :
वाशिंगटन डी.सी.AAAS,प्रोजेक्ट 2061 की वेवसाइट WWW.project.org पर उपलब्ध साइंस फार आल अमेरिकन्स पुस्तक के अध्याय-11 COMMON THEMS को अपनी पुस्तक का अध्याय 4 इसी शीर्षक से बना लिया है। पहली लाइन का एक शब्द SOME हटा दिया है।दूसरे पैरा के शुरू के तीन शब्द को भी हटा दिया है।
अध्याय-5
पेज नं 155-164
वाशिंगटन डी.सी.AAAS,प्रोजेक्ट 2061 की वेवसाइट WWW.project.org पर उपलब्ध साइंस फार आल अमेरिकन्स पुस्तक के अध्याय-12 , Habits of Mind को अपनी पुस्तक का अध्याय -5, Role of Mind and Habits बनाया है।इस अध्याय के शुरू के दो शब्द को हटाया है।हेडिंग को इधर-उधर कर दिया है।हेडिंग कुछ मैटर कुछ हो गया है।
अध्याय-6
पेज 169 से 198
अंकित ने अपनी पुस्तक के पेज नं 169 से 178 की सामग्री Tom Hanlon की लिखी पुस्तक Absolute Beginner's Guide to Coaching Youth Baseball से उतार लिया है।
उसने पेज नं 178 से 198 की सामग्री
Guide to health Informatics
2nd Edition
लेखक-Enrico Coiera,
के Chapter 25 - Clinical Decision Support Systems को हूबहू उतारकर पैराग्राफ इधर-उधर करके छाप लिया है।
अध्याय-7
पेज नं 198 से 208
नकलची अनिल कुमार राय अंकित ने एक पुस्तक Developing Research & Communication Skills
Guidelines for Information Literacy in the Curriculum की समरी को हूबहू उतारकर अपनी पुस्तक COMMUNICATION PRINCIPLES AND PRACTICE का अध्याय -7 बना लिया है। यह पुस्तक मीडल स्टेट आफ हायर एजूकेशन ने प्रकाशित की थी। उसने पुस्तक के प्रचार –प्रसार के लिए समरी जारी की थी। नकलची अंकित ने उसको भी नही छोड़ा।उसके शुरू के केवल दो पैरा को छोड़कर बाकी सामग्री कापीकर छाप लिया है।
अध्याय-8
पेज 209 से 213
अंकित ने अपनी पुस्तक के पेज 209 से 213 तक का मैटर ,लेखक- David G. Jensen की पुस्तक Street Savvy ScienceTM Leadership ,http://www.todroberts.com/
के Chapter 5: Communication Skills for Scientist Leaders (Part Two) से नकल कर लिखा है।
उसने United Nations Population Fund की वेवसाइट http://www.unfpa.org/public/ पर उपल्ब्ध
Information, Education and Communication (IEC) Programmes के फील्ड मैनुअल को ही हूबहू उतारकर अपनी पुस्तक का पेज नं 220 से 231 बना लिया है।
उसने अपनी इस पुस्तक में भी कोई संदर्भ सूची नहीं दिया है।
अंकित ने अपनी इस पुस्तक को वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल वि.वि. ,जौनपुर के पूर्व कुलपति पी.सी.पतंजलि को समर्पित किया है। पतंजलि जब दिल्ली के अंबेडकर कालेज में हिन्दी के हेड थे तो वहां अंकित हिन्दी का अस्थाई अध्यापक था।पतंजलि जब जौनपुर में कुलपति बने तो अनिल कुमार राय अंकित को वहां पहले कान्ट्रेक्ट पर ले जाकर पत्रकारिता का लेक्चरर व हेड बनाया ,फिर जब स्थाई जगह निकली तो इसे परमानेन्ट कर दिया। तब अंकित के पास पत्रकारिता की कोई डिग्री नही थी। बाद में वहां पढ़ाते हुए ही इसने रीवां से पत्रकारिता का पत्राचार कोर्स किया,फिर सागर वि.वि. से पत्राचार से पत्रकारिता में मास्टर डिग्री लिया। इस समय बहरामपुर में एस. के. बेहरा के अंडर में पत्रकारिता में पी.एच.डी. कर रहा है। इस संवाददाता ने पी.सी.पतंजलि से पूछा - अनिल कुमार राय अंकित ने एक किताब लिखी है COMMUNICATION PRINCIPLES AND PRACTICE , यह पूरी पुस्तक विदेशी लेखको के पुस्तको,शोधपत्रो से नकल करके लिखी गयी है । नकल करके लिखी पुस्तक आपको समर्पित की गयी है,इसपर आपका क्या कहना है ?पतंजलि का जवाब था-हो सकता है उनके विभाग से फोन आया हो कहा गया हो पुस्तक आपको समर्पित की जा रही है। सवाल-अंकित ने यह पूरी पुस्तक नकल करके लिखी है , क्या उनके विरूद्ध कापी राइट एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए?जवाब- मैंने तो देखा नही है कि अंकित ने कहां से मैटर चुराकर यह पुस्तक लिखी है।सवाल-क्या हिन्दी वि.वि. वर्धा के कुलपति को नकल करके एक दर्जन पुस्तकें लिखकर प्रोफेसर बन गये अंकित के खिलाफ कापी राइट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराना चाहिए ?मैने तो देखा नहीं कि अंकित ने मैटर कहां से चुराया है।सवाल-यदि कोई भी व्यक्ति दूसरे लेखको की पुस्तको से चैप्टर का चैप्टर हूबहू उतारकर अपने नाम से पुस्तक छपवा लेता है तो उसके विरूद्ध कोई कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए या नही?जबाब-मैं जब देखूंगा तब कुछ कहूंगा।सवाल- अंकित को आप जौनपुर ले गये,लेक्चरर व हेड बनाये।उसके साथ मिलकर एक पुस्तक – संचार क्रांति व विश्व जन माध्यम भी आपने लिखा है(बाद में अनिल अंकित ने इस किताब से भी कुछ मैटर लगभग हूबहू उतार कर अपनी पुस्तक संचार के सात सोपान का कुछ पेज बनाया है) । इस सबसे तो यही लगता है कि अंकित के काले कारनामो में आपका भी जाने-अनजाने योगदान रहा है, और आज इस महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि. बर्धा के दिल्ली सेंटर का ओ.एस.डी. होते हुए उसके काले कारनामो को तोपने –ढ़पने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं । जबाब- (चुप्पी )।#