Friday, November 13, 2009

CNEB चैनल पर पूर्व कुलपति प्रेमचंद पातंजलि के नकल करके किताबें लिखने के कारनामों का होगा खुलासा


13 नवंबर, नयी दिल्ली। विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ-कनिष्ठ शिक्षकों द्वारा बेशर्मी से मैटर चुराकर अपने नाम से दर्जन के हिसाब से किताब लिखने के हाल के वर्षों में उभरे चलन का भण्डाफ़ोड़ करने वाला सीएनईबी समाचार चैनल पर दिखाया जा रहा कार्यक्रम चोर गुरू अपना असर कई प्रदेशों में दर्ज़ करने लगा है। आगामी रविवार 15 नवंबर को रात 8 बजे से 9 बजे के स्लाट में दिखाये जाने वाले कार्यक्रम में दो विश्वविद्यालयों (वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल वि.वि. ,जौनपुर और भागलपुर वि.वि) के कुलपति रह चुके और इस समय महात्मागांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि. वर्धा के दिल्ली सेंटर में 60 हजार रूपये महीने पर ओ.एस.डी., डॉ. प्रेम चंद पातंजलि के ,नकल करके किताबें लिखने के कारनामों का खुलासा किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस, भाजपा, सीपीआई और एनसीपी के अनेक वरिष्ठ सांसदों और एक पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने भी चोरी के इस धंधे और इसमें छुटभइये प्रकाशकों की मिलीभगत से हर वर्ष हो रही अरबों रुपये की धाँधली के मुद्दे को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में उठाने का आश्वासन दिया है।
कार्यक्रम का असर अब अनेक कुलपतियों पर भी पड़ने लगा है। रीवा, मध्य प्रदेश के अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय के कुलपति शिव नारायण यादव ने चैनल से कहा है कि वे अपने यहाँ के स्टडी मैटेरियल की अनिल अंकित द्वारा की गयी अंधाधुंध चोरी के खिलाफ़ अदालत का दरवाज़ा खटखटाने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि अनिल अंकित इस समय वर्धा के अंतरराष्ट्रीय हिंदी विवि में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष हैं। जौनपुर के वीरबहादुर सिंह विवि के कुलपति आर. एस. सारस्वत ने भी अपने यहाँ के दोषी शिक्षकों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिये हैं। इंदिरा गाँधी मुक्त विवि के कुलपति वी एन राजशेखरन पिल्लई ने अपने यहाँ के स्टडी मैटेरियल की बेहिसाब चोरी पर कड़ाई से रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात सीएनईबी की टीम से कही है। वाराणसी में जहाँ महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफ़ेसर अवध राम ने अपने यहाँ के दोषी शिक्षकों के खिलाफ़ कार्रवाई करने की बात स्वीकारी, वहीं काशी हिंदू विवि के कुलपति प्रोफ़ेसर डी पी सिंह ने इस मुहिम को व्यापक समाज के बीच ले जाने की ज़रूरत पर बल दिया है।
कार्यक्रम की अब तक दिखायी गयी चार कड़ियों में दिल्ली के जामिया मिलिया, वर्धा के महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, झाँसी के बुंदेलखण्ड वि.वि. समेत दिल्ली वि.वि. से जुड़े रहे वरिष्ठ शिक्षकों के चोरी के सच को उजागर किया गया है और प्रोफ़ेसर बिपिन चंद्रा, प्रोफ़ेसर यशपाल, प्रोफ़ेसर मुशीरुल हसन सरीखे देश के शीर्षस्थ अकेडमीशियनों की कड़ी टिप्पणियाँ प्रस्तुत की गयी हैं। आगे प्रसारित होने वाली कड़ियों में काशी विद्यापीठ, दिल्ली विश्वविद्यालय, पूर्वांचल विवि, इंदिरा गाँधी मुक्त विवि, महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विवि समेत अनेक अन्य विश्वविद्यालयों में फल-फूल रहे चोरी के इस धंधे का अंदरूनी सच उजागर किया जायेगा।