Friday, September 5, 2014

Modi ke uchchshiksha vision ko palita lagane ki taiyari, UGC review committee Invitees me jyadetar CHORGURU,BHRASTACHARI

sattachakra.blogspot.com

मोदी के उच्चशिक्षा विजन को पलीता लगाने की तैयारी
आमंत्रितों में ज्यादेतर चोरगुरू ,भ्रष्टाचारी
-कृष्णमोहन सिंह
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की शिक्षा उच्चशिक्षा को सुधारने ,उसे अमेरिका और यूरोप के बराबरी में लाने के लिए जो विजन तैयार किये हैं उसे साकार करने के लिए जो समिति बनाई गई है,उसने सुझाव के लिए जिनको आमंत्रित की है उनमें ज्यादेतर  चोरगुरू ,भ्रष्टाचारी,घोटालाआरोपी जातिवादी और रैकेटियर शामिल हैं। यह समिति मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बनाई है। सूत्रों के मुताबिक इस समिति को बनवाने व इसके सदस्यों के चयन में संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा आरपी सिसोदिया ( यूपी कैडर के हैं, डेपुटेशन पर हैं, टर्म खत्म हो गया है ,  एक्सटेंशन पर हैं, यूपीए सरकार ने जाते-जाते एक्सटेंशन दिया ) और मंत्री स्मृति ईरानी के अघोषित ओएसडी संजय कचरू की प्रमुख भूमिका बताई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव अशोक ठाकुर सेवानिवृत होने वाले हैं ,सारा काम एक्सटेंशन पर चल रहे और स्मृति के विश्वासपात्र हो जाने के कारण फिर एक्सटेंशन पाने की बात कह रहे  संयुक्त सचिव आरपी सिसोदिया देख रहे हैं। सिसोदिया के हस्ताक्षर से ही 30 जुलाई 2014 को  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की रिव्यू कमेटी बनाने का आदेश निकला है।  बीएचयू का कुलपति रहने के दौरान भ्रष्टाचार व छात्र विरोधी गतिविधियों  के आरोपों के कारण दूसरा टर्म नहीं पाने वाले( तबके राष्ट्रपति केआर नाराय़नन ने इनके नाम वाली फाइल वापस लौटा दी थी, उसके बाद  गौतम ने तबके शिक्षा मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी का पैर पकड़ कर यूजीसी का चेयरमैन बन गये थे, अब जोशी के यहां जाते नहीं हैं )  डा. हरि गौतम की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय  समिति बनाई गई है । जिसमें हरि गौतम, प्रो.सीएम जरीवाला ,प्रो. कपिल कपूर और आरपी सिसोदिया हैं। जिसे 6 माह में  रिपोर्ट सौंपनी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को कैसे ठीक किया जाय,भ्रष्टाचार खत्म किया जाय ,सुधारा जाय ,उन्नत किया जाय , इस पर सुझाव लेने के लिए जिन 13 लोगों को 5 अगस्त 2014 और 13 लोगों को  6 अगस्त 2014 को आमंत्रित किया गया है, उनमें देश विदेश के विद्वानों की कापीराइट वाली शोध पत्रों, पुस्तकों आदि से सामग्री हूबहू उतारकर  मात्र एक साल में ही अपने नाम से 29  पुस्तकें छपवा लेने वाले चोरगुरू प्रो. रमेश चन्द्रा , हैदराबाद में  कुलपति पद पर रहने के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपी प्रो. एसई हसनैन, रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर और गुरूघासीदास वि.व. विलासपुर में  कुलपति रहने के दौरान बहुत भ्रष्टाचार व अपनी जातिवालों को भर देने के आरोपी  ( उच्च न्यायलय में मुकदमा  चल रहा है, लोकायुक्त ने इनके खिलाफ टिप्पणी की है)प्रो. लक्ष्मण चतुर्वेदी , भ्रष्टाचार आरोपी प्रो.थोराट के साथ  यूजीसी को भ्रष्टाचार का गढ़ बनाने वाले और डीम्ड विश्वविद्यालयों को मान्यता देने की शुरूआत कराने वाले यूजीसी के पूर्व सचिव आरके चौहान, भ्रष्टाचार आरोपी टीआर केम ,डा.एन.के.जैन, एके डोगरा आदि जैसे लोग हैं।
 
review committee of UGC ,Name sl.no. 1- Dr.Hari Gautam


LIST OF DATE05-09-14 ,SL.NO.7- CORRUPT GURU LAKSHMAN CHATURVEDI,&10- S.E.HASNAIN etc

LIST OFDATE 06-09-14  sl. no. 5 is the name of CHORGURU prof.Ramsesh Chandra,sl.no.7-G.D. Sharma, 8- R.K. Chauhan,9- TR KEM,10-N.K.JAIN,11-DEV SWAROOP,12-A.K.DOGRA,1-LAKSHMAN CHATURVEDI

CHORGURU prof. RAMESH CHANDRA



* स्टार समाचार , सतना , भोपाल में यह खबर 05-09-2014 को पृष्ठ 8 पर छपी है। 
 http://epaper.starsamachar.com/332843/Star-Samachar/05.09.2014-#page/8/1
लोकमत , लखनऊ में 05-09-2014 को छपी है। अन्य कई अखबार में भी छपी है।  

चोरगुरू प्रो. रमेश चन्द्रा के बारे में CNEB NEWS CHANNEL में "चोरगुरू" के कई एपीसोड में दिखाया गया था - इसके बारे में यह पढ़ें-


Sunday, April 4, 2010

पूर्व कुलपति रमेश चन्द्रा बर्खास्त: शैक्षणिक कदाचार व मैटरचोरी के आरोपी
-सत्ताचक्र- sattachakra.blogspot.com
नकल करके एक साल में 29 किताबें लिखने के आरोपी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय,झांसी(उ.प्र.) के पूर्व कुलपति प्रो. रमेश चन्द्रा को शैक्षणिक कदाचार व नकलचेपी कारनामो के चलते दिल्ली विश्वविद्यालय के बी.आर.अम्बेडकर सेंटर फार बायोमेडिकल रिसर्च के निदेशक ( Pro. RAMESH CHANDRA , DIRECTOR- B.R.AMBEDKAR CENTRE FOR BIOMEDICAL RESEARCH , DELHI UNIVERSITY ) पद व नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। दिल्ली वि.वि. ने प्रो.रमेश चन्द्रा के शैक्षणिक कदाचार की जांच एक रिटायर जज से कराई ।जिसके बाद रमेश चन्द्रा को बर्खास्त किया गया। इसबारे में जब CNEB न्यूज चैनल की टीम ने दिल्ली वि.वि. के कुलपति , वि.वि. के एक्जक्यूटिव कमेटी के सदस्यों और जज से बात करने की कोशिश की तो सबकेसब कन्नी काट लिये। इस पर आन कैमरा एक भी शब्द बोलने को तैयार नहीं हुए।
मालूम हो कि CNEB न्यूज चैनल ने अपने खोज परक कार्यक्रम चोरगुरूके नौंवे एपीसोड में रविवार 13 -12-09 को रात्रि 8 बजे से साढ़े आठ बजे के स्लाट में, प्रो. रमेश चन्द्रा के नकल करके किताबें लिखने और अपने नाम छपवाने के कारनामों को सप्रमाण दिखाया था। जिसके आधार पर इन शैक्षणिक कदाचारी चोरगुरूओं के खिलाफ जांच के लिए कई सांसदो ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,केन्द्रीय शिक्षामंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखा है। ज्यादेतर कुलपति तो ऐसे शैक्षणिक कदाचारी चोर गुरूओं, नकल करके लिखी उनकी किताबों को छापने वाले पब्लिशर/ सप्लायरों को अन्दर अन्दर बचाने की हर तरह से कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इस चक्कर में जब उन कुलपतियों की नौकरी पर तलवार लटकने की नौबत आ रही है तो अपना गला बचाने के लिए जांच कराने का उपक्रम कर रहे हैं। इस जांच में भी खेल हो रहा है । कुछ कुलपति तो अपने चहते शैक्षणिक कदाचारी चोरगुरूओं को बचाने के लिए किसी अपने या कदाचारी के पूर्व परिचित व खास को ही जांच कमेटी का अध्यक्ष बना दे रहे हैं ।और कुछ तो उनसे भी एक हाथ आगे जाकर उस प्रोफेसर को जांच सौंप रहे हैं जिसके खिलाफ ही शैक्षणिक कदाचार का आरोप है । राज्यपाल के आदेश से जिसकी विजिलेंस जांच चल रही है।
रमेश चन्द्रा के बारे में 12 दिसम्बर 2009 को सत्ताचक्रमें जो छपा था उसे यहां दिया जा रहा है-

पूर्वकुलपति रमेश चन्द्रा के नकलचेपी कारनामे और उस पर पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डा.जोशी की कड़ी टिप्पणी CNEB पर
CNEB
न्यूज चैनल पर दिखाये जा रहे खोजपरक कार्यक्रम चोरगुरूके अगले एपीसोड में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय,झांसी(उ.प्र.) के पूर्व कुलपति प्रो. रमेश चन्द्रा के नकल करके एक साल में 29 किताबें लिखने के काले कारनामों को दिखाया जायेगा। जिस पर पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी की टिप्पणी भी दिखाई जायेगी। प्रो.रमेश चन्द्रा अभी दिल्ली विश्वविद्यालय के बी.आर.अम्बेडकर सेंटर फार बायोमेडिकल रिसर्च के निदेशक ( Pro. RAMESH CHANDRA , DIRECTOR- B.R.AMBEDKAR CENTRE FOR BIOMEDICAL RESEARCH , DELHI UNIVERSITY ) हैं , और उ.प्र. में किसी वि.वि. में कुलपति बनने के लिए जुगाड़ लगाये हुए हैं। चोर गुरू के इस नौंवे एपीसोड में यह दिखाया जायेगा कि पत्रकारद्वय संजयदेव व कृष्णमोहन सिंह की टीम ने जब कैमरा के सामने प्रो. रमेश चन्द्रा से उनके नकलचेपी कारनामो के बारे पूछा तो किस तरह पहले तो वह बड़े ही टालू अंदाज में कहे यह तो एडिटेड बुक है ।फिर जब उनको दिखाया गया कि इसमें एडिटेड बुक का कोई प्रमाण ही नहीं है। केवल उपर एडिटेड बुक लिख दिया गया है। इस किताब के सभी चैप्टर केवल आपने लिखा है । कौन चैप्टर किससे लिखवाया है ,किस लेखक ने लिखा है,उसका डिटेल क्या ,कहीं कुछ नहीं दिया है। न कोई रिफरेंस नहीं और कुछ। यह किताब कई देशी विदेशी किताबो आदि से पेज के पेज ,चैप्टर के चैप्टर मैटर हूबहू उतार कर बनाई गई है। किस किताब से ,कहां से मैटर हूबहू उतार कर पुस्तक बनाई गई है यह प्रमाण दिखाने पर प्रो. रमेश चन्द्रा ने ठीक वही शब्द कहा जो जामिया मिलिया इस्लामिया,दिल्ली का नकलचेपी रीडर दीपक केम ने कहा था- यह तो मेरी किताब ही नहीं है। चन्द्रा ने कहा कि इसे तो मैंने लिखा ही नहीं है। इस किताब से तो मेरा कोई लेना देना ही नहीं है। जब रमेश चन्द्रा से यह पूछा गया कि जब आप की लिखी किताब नहीं है तो प्रकाशक ने आपके नाम से यह पुस्तक छापा कैसे, इतने दिनो से कैसे बेच रहा है, आपने अब तक उसके खिलाफ केस क्यों नहीं किया ? किया तो ,उसका प्रमाण दे दीजिए ? प्रमाण मांगने पर चन्द्रा ने कहा कहीं होगा। लेकिन प्रो.चन्द्रा ,आपने तो एक साल में 29 तक किताबें लिखी हैं। जो कि कई-कई वालूम में इन्साइक्लोपीडिया के रूप में छपी हैं।उन सभी पुस्तकों के अंतिम कवर पेज के अंदर वाले पेज पर आपका चित्र आपही के बायोडाटा सहित छपा है। इस सवाल पर भी प्रो. चन्द्रा ने झट से कह दिया वे सब भी मेरी लिखी पुस्तकें नहीं है। यह पूछने पर कि आपके नाम से पुस्तकें छपी हैं आप कह रहे हैं आपकी लिखी नहीं है,आपकी नहीं हैं, फिर किसकी हैं ? इस पर चन्द्रा ने बड़े ही चालाकी वाला जबाब दिया- यह तो आप प्रकाशक से पूछिये। उसके बाद पत्रकारद्वय संजयदेव व कृष्णमोहन सिंह की टीम गई प्रो.रमेश चन्द्रा के पुस्तकों के प्रकाशक कल्पाज प्रकाशन, ईशा प्रकाशन से जुड़े गर्ग के यहां दरिया गंज ,नई दिल्ली। उनको जब, रमेश चन्द्रा ने जो कहा था वह बताया गया तो उन्होने कहा- क्या पब्लिशर पागल है जो अपने मन से किसी की किताबें छापेगा या किसी के नाम पर किताबें छाप कर बेचेगा।उसे मरना है क्या? गर्ग ने प्रमाण सहित बताया कि जितनी भी ,जो भी पुस्तकें, वालूम की वालूम इनसाइक्लोपीडिया प्रो. रमेश चन्द्रा के नाम से छपी हैं सबका मैटर वही दिये हैं। उन्होने लिखित दिया है कि ये उनकी मौलिक कृति हैं। गर्ग ने जिसकी छायाप्रति आन कैमरा दिया है। चोरगुरू के इसके पहले के एपीसोड में दिखाया जा चुका है कि बुंदेलखंड वि.वि. के एक प्रो. डी.एस.श्रीवास्तव ने कैमरे के सामने कहा है कि रमेश चन्द्रा मैटर लाकर उनको देते थे, कहते थे कि इसमें से मैटर छांट कर उनके ( प्रो. रमेश चन्द्रा) नाम से किताब बना दो, जो मैटर बचे उससे अपने (डी.एस.श्रीवास्तव )और सरिता कुमारी ( प्रो.रमेश चन्द्रा की चचेरी बहन जो इस समय जामिया मिलिया इस्लामिया,दिल्ली में लेक्चरर हैं) के नाम से पुस्तकें बना लो। इस तरह नकल करके पुस्तकें लिखने ,लिखवाने,छपवाने, उन्हे बिकवाने,एक दूसरे को मदद पहुंचाने, नौकरी संरक्षण देने-दिलानेवाले कुलपतियों, मैटरचोर मौसेरे प्रोफेसर,रीडर,लेक्चरर भाइयों का विश्वविद्यालयों में बड़ा रैकेट बन गया है। जिसका भंडापोड़ CNEB न्यूज चैनेल पर चोरगुरूकार्यक्रम में हो रहा है। यह कार्यक्रम रविवार 13 -12-09 को रात्रि 8 बजे से साढ़े आठ बजे के स्लाट में दिखाया जायेगा।